लेखनी कहानी -24-Nov-2022 (यादों के झरोखे से :-भाग 14)
12वी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के पश्चात् मेरे माता- पिता ने मुझे एम.बी.बी.एस. के लिए पी.एम.टी. की तैयारी करने हेतु दूसरे शहर भेजा जहां मैंने उससे संबंधित कोचिंग में दाखिला लिया। वहां पर मैने एक कमरा किराए पीआर लिया, जो कि मेरे पापा के दोस्त के साडू का था। वहां मेरे साथ एक और लड़की भी रहती थी, जिसे मैं मेरी रूममेट कह सकती हूं। हालांकि वह मेरे कमरे में कम।और पास वाले कमरे की लड़की के साथ ज्यादा रहती थी। लेकिन मेरे लिए तो बढ़िया ही था, क्योंकि पूरा कमरा मेरे लिए रहता और मैं अकेले में अच्छी पढ़ाई कर पाती। लेकिन उस लड़की की संगति ठीक नहीं थी। उसकी मित्र ने उसे भटका रखा था और उसका किसी लड़के से कुछ चलकर चल रहा था। वह लड़का भी ठीक नहीं था।
वह लड़की किसी गांव की थी और उसके। माता पिता बेहद ही शरीफ और सीधे- साधे सज्जन व्यक्ति थे। वह लड़की उन्हें बेवकूफ बना रही थी। यह बात जब उसकी बुआ के लड़के को पता चली। उसने तुरंत उसके घर वालों को बताई। चूंकि उसके माता पिता काफी सीधे- साधे व्यक्ति थे, घबरा गए। हालांकि वह मुझसे छोटी थी परंतु कभी मुझे दीदी ना कहकर सीधे नाम लेकर पुकारती। मैंने भी उसे छोटी बहन समझकर माफ कर दिया करती थी।
उसकी बुआ ने उसके बेटे एम पता चलते ही हमारी मकान। मालकिन को बताया। उन्होंने।मुझे बुलाया। मैंने उनको कहा आंटी इसमें मैं क्या कर सकती हूं। यह उसकी व्यक्तिगत बात है, और वैसे भी में यहां पढ़ने आई हूं। दूसरों की जिंदगी में दखलंदाजी करने नहीं। आंटी ने उसकी बुआ को मुझसे बात करने को कहा। मैंने उसकी बुआ की पूरी बात सुनी, उन्होंने मुझे याके माता पिता की स्तिथि बताई, आर विनती की कि इस स्तिथि में उनकी सहयता करूं। अतः उन दोनों को रंगे हाथों पकड़वाऊं। मुझे उन और तरस आ गया, मुझे लगा पदही करने की और कुछ बनने की उमर में बच्चे कहां कहां भटक जाते हैं। बेचारे माता पिता किस तरह इन्हें पढ़ते हैं, और ये लोग इस बात की परवाह किए बिना उनकी आंखों में धूल झोंकते हैं। मैंने उनकी सहायता करने हेतु हांमी भर दी। मुझे लगा अगर इसकी जगह मेरी छोटी बहन होती तब भी तो मैं उसको सही मार्ग पर लाने का प्रयास करती ना।
मैंने आस- पास की मेरी सहेलियों को भी इस बारे में सचेत कर दिया। एक दिन वह लड़का उसकी सहेली के कमरे में आया। वह इत्र वगेरह लगाकर, तैयार होकर गई। मैंने भांप लिया, मैं मेरी मकान मालकिन के पास गई और दोनों को पकड़वा दिया। उस लड़के को खूब डांट पिटी और दुबारा उससे ना मिलने की चेतावनी भी मिली। बाद में उसकी बुआ और माता- पिता मेरे पास आईं और मुझे बहुत धन्यवाद कहा, खूब दुआएं दी और मैंने कहा कोई बात नहीं आंटी वो मेरी छोटी बहन जैसी है, इतना तो मैं कर ही सकती हूं उसके लिए कि उसको गलत रास्ते पर जाने से रोक पाऊं।
Arina saif
03-Dec-2022 06:20 PM
Nice
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Swati Sharma
03-Dec-2022 07:16 PM
Thanks
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Pratikhya Priyadarshini
02-Dec-2022 10:04 PM
Behtreen 👌🌺
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Swati Sharma
02-Dec-2022 10:30 PM
Thank you 🙏🏻💐
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Peehu saini
02-Dec-2022 09:43 PM
Shandar 🌸
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Swati Sharma
02-Dec-2022 10:29 PM
Thank you 🙏🏻😇
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